सद्गुरू ने कहा कि किसानों की आय डॉक्टर, इंजीनियर, वकील, पत्रकार के बराबर होनी चाहिए। तभी किसान खेतों में टिक पाएंगे
हलधर किसान। ईशा फाउंडेशन के संस्थापक व आध्यात्मिक गुरु सद्गुरु ने भविष्य में भारत के कृषि क्षेत्र को लेकर चौंकाने वाली बातें कही हैं। सद्गुरु ने कहा है कि अगले 25 साल में भारत में कोई भी किसान नहीं रहेगा। उन्होंने अपने संगठन के एक सर्वे को लेकर यह दावा किया है। सद्गुरु ने आगाह किया कि भारत में कृषि प्रक्रिया को आकर्षक नई बनाई गई तो गंभीर परिणाम हो सकते हैं।
सद्गुरु ने कहा कि भारत में कृषि से जुड़े लोग अपनी जमीन पर रहकर अपना करियर नहीं बना पा रहे। नतीजा यह हुआ कि आज किसानों की 63 प्रतिशत आबादी में से 2 प्रतिशत भी ऐसे नहीं जो भविष्य में कृषि क्षेत्र में बने रहना चाहते हों।
न्यूज चैनल टाइम्स नाउ के साथ वर्चुअल बातचीत में आध्यात्मिक गुरु व ईशा फाउंडेशन के संस्थापक ने अपने संगठन की ओर से किए गए एक सर्वे के डेटा का जिक्र किया। सद्गुरु ने कहा कि ईशा फाउंडेशन ने इस बात को लेकर एक सर्वे किया है। जिससे यह निष्कर्ष निकलकर सामने आया कि अगर सरकार की कृषि नीतियों में बदलाव नहीं आया तो अगले 25 वर्षों में भारत में कोई किसान नहीं होगा।
सद्गुरु ने इसके लिए मौजूदा अनिवार्य शिक्षा प्रक्रिया को भी जिम्मेदार माना। हलांकि उन्होंने बालश्रम का समर्थन नहीं किया लेकिन कहा कि वर्तमान शिक्षा प्रणाली बच्चों को 18 साल की उम्र तक स्कूल जाने के लिए मजबूर कर रही है। जब तक बाल श्रम के मुद्दे हैं बच्चे खेत में काम करने नहीं जा सकते। सद्गुरु ने कहा कि वे बाल श्रम के पक्ष में नहीं हैं लेकिन वे मौजूदा अनिवार्य शिक्षा प्रक्रिया के खिलाफ हैं। सद्गुरु ने कहा कि हमारा शिक्षा का मॉडल ऐसा होना चाहिए जिससे हमारे देश के मूल सिद्धांत नष्ट न हो जाएं।सद्गुरु ने कहा कि उनके संस्थान ईशा फाउंडेशन की ओर भविष्य में भारत में कृषि क्षेत्र की स्थिति को लेकर एक सर्वे किया गया है। जिसमें चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। आध्यात्मि गुरू ने कहा कि सर्वेक्षण से पता चला है कि किसानों की 63 प्रतिशत आबादी में से 2 प्रतिशत भी नहीं चाहते कि उनके बच्चे किसान बनें और न ही बच्चे उनके जैसा बनना चाहते हैं। सद्गुरु ने इसे राष्ट्र के लिए एक बड़ा खतरा बताया। उन्होंने कहा कि इससे बचने लिए हमें कृषि क्षेत्र को आकर्षक बनाना होगा। किसानों की आय में वृद्धि करनी होगी। सद्गुरू ने कहा कि किसानों की आय डॉक्टर, इंजीनियर, वकील, पत्रकार के बराबर होनी चाहिए। तभी किसान खेतों में टिक पाएंगे।