अंतरित बजट मे इस बार कृषि क्षेत्र को क्या मिला?
हलधर किसान, नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र की मोदी सरकार ने अपनी दूसरे कार्यकाल का अंतिम अंतरिम बजट 1 फरवरी को पेश किया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने छठी बार बजट पेश किया। इस बजट के केंद्र में गरीब, युवा, महिला और अन्नदाता रहे। कृषि के लिए भी इस बजट में कई एलान हुए।
बजट में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के लिए 1.27 लाख करोड़ का आवंटन किया गया है। इस बार बजट में वित्तमंत्री ने किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए उपायों का जिक्र करते हुए कहा कि कृषि जलवाय क्षेत्रों में विभिन्न फसलों में नैनो यूरिया का उपयोग किया जाएगा। डेयरी विकास के क्षेत्र में अच्छा काम होगा, दुग्ध किसानों को बढ़ावा दिया जाएगा। 1361 मंडियों को ई-नाम से जोड़ा जाएगा, तिलहन के अनुसंधान को बढ़ावा मिलेगा।
सरकार ने वित्त वर्ष 2024.25 के लिए कृषि क्षेत्र को 1.27 लाख करोड़ रुपए दिए हैं। ये पिछले साल के मुकाबले केवल 2: यानी 2,000 करोड़ रुपए बढ़ा है। सरकार ने पिछले साल कृषि बजट के लिए 1.25 लाख करोड़ रुपए दिए थे। बजट में जिस तरह उम्मीद की जा रही थी कि, सरकार ने मिनिमम सपोर्ट प्राइस यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य का दायरा नहीं बढ़ाया है। इसके अलावा किसान सम्मान निधि की राशि को भी नहीं बढ़ाया है, यह 6,000 रुपए ही रहेगी।
बजट में महिला किसानों के लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की राशि डबल यानी सालाना 6000 से बढ़कर 12000 रुपए की जाने की उम्मीद थी, लेकिन इसमें भी कोई बदलाव नहीं किया गया है।
इस बार कृषि क्षेत्र को क्या मिला?
लोकसभा चुनावों से पहले पेश हुए अंतरिम बजट में सरकार ने ग्रामीण विकास पर जोर दिया है। वित्त मंत्री ने अपने भाषण में बताया कि किसान हमारे अन्नदाता हैं। पीएम.किसान सम्मान योजना के अंतर्गत हर वर्ष सीमांत और छोटे किसानों सहित 11.8 करोड़ किसानों को प्रत्यक्ष वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
पीएम फसल बीमा योजना के अंतर्गत 4 करोड़ किसानों को फसल बीमा प्रदान किया गया है। अनेक दूसरे कार्यक्रमों के अलावा इन उपायों से अन्नदाता को देश और पूरी दुनिया के लिए अन्न पैदा करने में सहायता दी जा रही है।
इलेक्ट्रॉनिक नेशनल एग्रीकल्चर मार्केट ने 1361 मंडियों को एकीकृत कर दिया है और इसमें 3 लाख करोड़ रुपये मूल्य का कारोबार हो रहा है और 1.8 करोड़ किसानों को सेवाएं मिल रही हैं।
कृषि.क्षेत्र समावेशी, संतुलित, उच्चतर संवृद्धि और उत्पादकता की ओर अग्रसर है। इन्हें कृषक.केंद्रित नीतियां लाकर, किसानों को उनके आय अर्जन में सहायता देकर, कीमत और बीमा के माध्यम से जोखिम कवरेज देकर, स्टार्ट.अप के माध्यम से प्रौद्योगिकी और नवाचारों को बढ़ावा देकर सुगम किया गया है।
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कृषि क्षेत्र के लिए अहम घोषणाएं-
- सरकार फसल कटाई के बाद की गतिविधियों में निजी और सार्वजनिक निवेश को बढ़ावा देगी।
- सभी कृषि.जलवायु क्षेत्रों में नैनो.डीएपी के इस्तेमाल का विस्तार किया जाएगा।
- तिलहनों के लिए आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए आत्मनिर्भर तिलहन अभियान शुरू किया जाएगा।
- डेयरी विकास के लिए व्यापक कार्यक्रम बनाया जाएगा।
- जलीय कृषि उत्पादकता बढ़ाने, निर्यात दोगुना करने और अधिक रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के कार्यान्वयन को आगे बढ़ाया जाएगा।
- पांच एकीकृत एक्वा पार्क स्थापित किए जाएंगे।