गेहूं पर बोनस समेत कई मांगों पर पंजाब किसान लामबंद, सीएम मान ने आंदोलन को बताया अनुचित

हलधर किसान। पंजाब के किसानों का गेहूं पर बोनस और 10 जून से धान की बुवाई शुरू करने जैसी मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन तेज हो गया है. आम आदमी पार्टी की प्रदेश सरकार पर दबाव बनाने के लिए राजधानी जाने से रोके जाने के बाद किसान मंगलवार को चंडीगढ़-मोहाली सीमा के पास धरने पर बैठ गए.पंजाब सरकार को चेतावनी देते हुए किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल ने कहा कि अगर मुख्यमंत्री भगवंत मान बुधवार तक प्रदर्शनकारियों के साथ उनकी शिकायतों के निपटारे के लिए बैठक नहीं करते हैं, तो वे बैरिकेड तोड़ते हुए चंडीगढ़ की ओर बढ़ेंगे.
अपनी मांगों को लेकर कई किसान संगठनों के बेमियादी विरोध प्रदर्शन के आह्वान के मद्देनजर चंडीगढ़-मोहाली सीमा पर बडी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया है.
अपनी विभिन्न मांगों में किसान प्रति क्विंटल गेहूं पर 500 रुपये का बोनस चाहते हैं. उनका कहना है कि गर्मी के कारण उनकी उपज घट गई है. गेहूं के दाने सिकुड़ गए हैं. वे बिजली के बोझ को कम करने और भूमिगत जल के संरक्षण के लिए 18 जून से धान की बुवाई की अनुमति देने के पंजाब सरकार के फैसले के भी खिलाफ हैं.

प्रदर्शनकारी चाहते हैं कि सरकार उन्हें 10 जून से धान की बुवाई की अनुमति दे. वे मक्का और मूंग के न्यूनतम समर्थन मूल्य के लिए अधिसूचना भी जारी करवाना चाहते हैं. वे राज्य सरकार से बिजली लोड को बढ़ाने पर लगने वाले शुल्क को 4,800 रुपये से घटाकर 1,200 रुपये करने, 10-12 घंटे बिजली आपूर्ति और बकाया गन्ना भुगतान जारी करने की भी मांग कर रहे हैं. प्रदर्शनकारी स्मार्ट बिजली मीटर लगाने का भी विरोध कर रहे हैं. राशन, बिस्तर, पंखे, कूलर, बर्तन, रसोई गैस सिलेंडर और अन्य सामान लेकर पंजाब भर के किसान मोहाली के गुरुद्वारा अंब साहिब में एकत्रित हुए. किसान ट्रैक्टर-ट्रॉली, बसों और अन्य वाहनों में राशन और अन्य आवश्यक सामान लेकर आए हैं.
दल्लेवाल ने कहा, हमें संदेश मिला है कि मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ बुधवार को सुबह 11 बजे एक बैठक तय की गई है. फिर एक और संदेश आया. इसमें कहा गया कि मुख्यमंत्री दिल्ली गए हैं और मुख्य सचिव के साथ बैठक हो सकती है.दल्लेवाल ने कहा कि प्रदर्शनकारी एक सरकारी अधिकारी से मुलाकात कर अपने मुद्दों के समाधान को लेकर आशावान नहीं हैं.

एक किसान नेता ने कहा, “यह पंजाब में हमारे संघर्ष की शुरुआत है और यह तब तक जारी रहेगा जब तक कि हमारी मांगें पूरी नहीं की जातीं. अभी तक केवल 25 प्रतिशत किसान ही यहां आए हैं, कल और आएंगे. यह करो या मरो की लड़ाई है.” अपनी विभिन्न मांगों के बीच, किसान प्रत्येक क्विंटल गेहूं पर ₹ 500 का बोनस चाहते हैं क्योंकि अभूतपूर्व गर्मी की स्थिति के कारण गेहूं की उपज में गिरावट आई है.

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने किसानों के आंदोलन को अनुचित और अवांछनीय बताया. लेकिन उन्होंने कहा कि वह बातचीत के लिए तैयार हैं. सीएम ने कहा कि किसानों के साथ बातचीत के लिए उनके दरवाजे खुले हैं लेकिन भूजल के और कम होने को रोकने के उनके संकल्प को नहीं तोड़ सकते.

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