हलधर किसान । मध्यप्रदेश में गर्मी के दिनों में तिल की खेती की जाती है। अब कृषि वैज्ञानिक अन्य राज्यों के लिए भी तिल के ऐसे बीज विकसित किए हैं, जिनकी बुवाई से गर्मी में भी संभव हो सकेगी। आ
इए, हलधर किसान की इस पोस्ट के माध्यम से जानें कि गर्मियो में तिल की खेती के लिए वैज्ञानिकों ने क्या शोध किया है और इसका परिणाम क्या होगा।पिछले कुछ सालों से तिल की खेती किसानों के लिए फायदेमंद साबित हो रही है। तिल की खेती करने वाले किसान ज्यादा मुनाफा कमा रहे हैं। इन दिनों बेस्ट क्वालिटी के तिल का भाव 15 हजार रुपए प्रति क्विंटल से ज्यादा चल रहा है।
भारत में तिल की खेती रबी, खरीफ व जायद सीजन में होती है, लेकिन सबसे ज्यादा खेती खरीफ सीजन में की जाती है। अगर आप कम समय में खेती से ज्यादा पैसा कमाना चाहते हैं, तो तिल की खेती सबसे अधिक उपयुक्त है। इसकी खेती अनुपजाऊ भूमि में भी आसानी से की जा सकती है।
गर्मी में तिल की खेती के लिए मध्यप्रदेश के किसान avts 1 से लेकर avts 16 तक के प्रजातियों के बीज की बुवाई करते हैं। मध्यप्रदेश की तर्ज पर अब उत्तरप्रदेश में भी ग्रीष्मकालीन तिल की खेती पर शोध किया जा रहा है।
उत्तरप्रदेश के किसान अभी तक रबी व खरीफ सीजन में तिल की खेती प्रमुखता से करते हैं। अगर शोध कार्य में सफलता मिली तो यूपी के किसान भी गर्मी में तिल की खेती से अच्छा मुनाफा कमा पाएंगे। साथ ही अन्य राज्यों में भी गर्मी में तिल की खेती के नए रास्ते खुलेंगे।
उत्तरप्रदेश व आसपास के इलाकों में तिल की खेती को बढ़ावा देने के लिए कानपुर के चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में शोध कार्य जारी है।
इसमें तिल की फसल को गर्मियों में उगाई जाने की तैयारी की जा रही है। अगर यह प्रयोग सफल रहता है तो किसान गर्मी में भी तिल की बुवाई कर सकेंगे। इसके लिए विवि में मध्यप्रदेश से avts 1 से लेकर avts 16 तक की प्रजातियों के बीज मंगाए गए हैं।
विवि की प्रयोगशाला में 16 अलग-अलग भागों में हर एक प्रजाति का बीज लगाया गया है। इसमें सफेल और काले तिल शामिल है। इनको अभी एक महीने पहले लगाया गया है। कृषि वैज्ञानिक इस पर लगातार निगरानी रखे हुए हैं। यह फसल लगभग 75 से 80 दिन में पककर तैयार हो जाएगी।
आगामी दो महीनों के अंदर इसके परिणाम सबके सामने होंगे जिससे पता चलेगा कि यूपी की जमीन पर ग्रीष्मकाल में तिल की फसल उगाई जा सकेगी या नहीं। अगर किसान उगाएंगे तो उनके लिए कौनसी किस्म उपयुक्त रहेगी और उन्हें क्या-क्या सावधानी रखनी होगी।