हलधर किसान। भारत सरकार ने गन्ने की खेती करने वाले किसानों के लिए राहत भरा निर्णय लिया है। सरकार द्वारा फैसला लिया गया है कि अब गन्ना 305 रुपए प्रति क्विंटल के रेट से बिकेगा. इकोनॉमिक अफेयर्स ऑफ कैबिनेट कमेटी (CCEA) ने यह निर्णय हुआ है कि आने वाले अक्टूबर माह से गन्ने की खरीदी को बढ़ाना होगा. जहां गन्ने की 290 प्रति प्रति क्विंटल खरीद थी, वहीं अब इसको 15 रुपए बढ़ाकर 305 रुपए हो गई है. बता दें कि इसका फेयर रिमुनरेटिव प्राइस यानी एफआरपी बढ़ाने का फैसला हाल में हुए कैबिनेट बैठक में किया गया था.
क्या होता है एफआरपी
एफआरपी एक तरह का न्यूनतम प्राइस होता है, जिसके अंतर्गत चीनी मीलों को किसानों से गन्ने की खरीद करती है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सरकार 1966 के गन्ना आदेश के आधार पर एफआरपी निर्धारित की गई है. बीते 8 वर्षों में गन्ने के एफआरपी के अंतर्गत 34 प्रतिशत से अधिक बढ़ी है. सरकार के इस कदम से देशभर में मौजूद गन्ना किसानों को बढ़िया मुनाफा मिल पाएगा और साथ ही चीनी मिलों के लाखों कर्मचारियों को भी फायदा मिलने वाला है.
चीनी निर्यात में हो सकती है बढ़ोतरी
अक्टूबर और नवंबर के वक्त गन्ने की पेराई का टाइम होता है, जो अप्रैल माह तक चलेगा. वहीं कुछ ख़बरों के अनुसार, सरकार ने गन्ने पर एफआरपी बढ़ाने के साथ करीब 10 लाख टन चीनी निर्यात को अनुमति देने की योजना बना सकती है. इसके पीछे की वजह घरेलू उत्पादन में वृद्धि है, लेकिन अभी तक इसपर कोई आधिकारिक सूचना जारी नहीं हुई है.
भारत का गन्ना बेल्ट
यूपी, बिहार, हरियाणा, पंजाब, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक, गुजरात, मध्य प्रदेश, गोवा और केरल राज्य गन्ने के मुख्य उत्पादक राज्य हैं. भारत में गन्ने की खेती कश्मीर घाटी, हिमाचल प्रदेश और अरुणाचल प्रदेश जैसे ठंडे पहाड़ी क्षेत्रों को छोड़कर अक्षांश 80 N से 330 N तक पूरे देश में होती है.