मप्र के खरगोन जिले में फसलों पर ड्रोन से होने लगा दवाईयों का छिडकांव

ड्रोन से फसलों के उपचार

हलधर किसान: खरगोन मप्र (तकनिक)। भारत कृषि प्रधान देश है। यहां के दो तिहाई लोग प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्षरूप से कृषि से जुड़े हैं, जिस कारण समय.समय पर कृषि क्षेत्र में कई शोध किए जाते है, साथ ही कृषि में कई टेक्नोलॉजी को भी शामिल किया जा रहा है।

मप्र के किसान भी अब आधुनिक तकनिक के रुप में फसलों के रखरखाव के लिए ड्रोन का इस्तेमाल करने लगे है। कृषि में ड्रोन टेक्नोलॉजी काफी उपयोगी साबित हो रही है। इस टेक्नोलॉजी की मदद से किसानों को फसलों में गिला खाद और दवाई के छिड़काव में मदद मिलती है।   

मप्र के खरगोन जिले में फसलों पर ड्रोन से होने लगा दवाईयों का छिडकांव

मप्र के खरगोन जिले में फसलों पर ड्रोन से होने लगा दवाईयों का छिडकांव

फसलें रोग मुक्त रहें, इसके लिए किसान खेतों में जाकर जहरीली कीटनाशक दवाएं लगाते हैं। इसमें समय तो अधिक लगता ही है, जोखिम भी रहता है। दवा के छिड़काव की इस पुरानी परंपरा को त्याग कर किसान नई तकनीक अपना रहे हैं।

ड्रोन से फसलों के उपचार की तकनीक किसानों को खूब भायी है। महेश्वर विकासखण्ड के ग्राम मोगावा के किसान गुलाबचंद पाटीदार ने आज 02 फरवरी को अपने खेत में लगी चने की फसल में ड्रोन का उपयोग कर कीटनाशक का छिड़काव किया है।

मप्र के खरगोन जिले में फसलों पर ड्रोन से होने लगा दवाईयों का छिडकांव

उन्होंने जिले के अन्य किसानों को भी अपने खेतों में लगी फसलों में ड्रोन का उपयोग कर कीटनाशकों का छिड़काव करने की सलाह दी है। किसान गुलाबचंद पाटीदार ने बताया कि ड्रोन से कीटनाशक का छिड़काव करने पर बहुत सुविधा हो जाती है।

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इससे कम समय में अधिक रकबे में कीटनाशक का छिड़काव किया जा सकता है। इससे समय और श्रम की बचत होती है। किसान गुलाबचंद पाटीदार अन्य किसानों के लिए प्रेरणास्त्रोत बन गए हैं।

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