हलधर किसान। आज कल बड़े शहरो, महानगरों में टैरेस गार्डनिंग को काफी पसंद किया जाने लगा है। ऐसी ही केरल राज्य के कोट्टायम की एक शिक्षिका हैं, जिन्होंने केमेस्ट्री पढ़ाने के साथ-साथ घर की छत पर जैविक खेती शुरू की है। ये शिक्षिका फलों और सब्जियों की 100 किस्मों को मात्र 800 वर्ग फुट में उगाती हैं। रसायन शास्त्र की शिक्षिका बिंदू सीके पिछले एक साल से खेती कर रही हैं। भारत की मिट्टी में विदेशी पौधों की सफल गार्डनिंग करने वाली केरल की टीचर बिंदू की टैरेस गार्डनिंग इंस्पायर करती है।
लॉकडाउन के दौरान शौकिया तौर पर जैविक खेती शुरू करने वाली बिंदू बताती हैं कि खेती उनके लिए शौक से बढ़कर है। वे बताती हैं कि उन्हें खेती से प्यार है। अपनी सब्जियों और फलों के पौधों की जांच करने के लिए सुबह सबसे पहले अपनी छत पर जाती हैं। बिंदू कहती हैं कि उनका टैरेस गार्डन लगभग 800 वर्ग फुट में फैला है। इसमें 100 से अधिक सब्जियों की प्रजातियां और 60 विभिन्न फलों के पेड़ हैं। अधिकांश पौधे विदेशी हैं।
केमेस्ट्री टीचर बिंदू और उनका परिवार पिछले साल अपने नए घर में शिफ्ट हुआ। प्रकृति प्रेमी बिंदू बताती हैं कि नए घर में छत पर बगीचा लगाने की जगह देखकर खुशी मिली। वे बताती हैं कि घर के चारों ओर कमरे और बिल्डिंग बन चुकी है, लेकिन उन्हें विश्वास था कि छत पर अधिक उपज मिलेगी। पौधों की देखभाल करना भी आसान होगा।
टैरेस गार्डन में मिर्चों की कई किस्में
टमाटर, बैगन, फूलगोभी, मिर्च, पालक, सलाद खीरा, गाजर, बीन्स, चुकंदर, और भिंडी जैसी सब्जियां अपने बगीचे में उगाने वाली बिंदू बताती हैं कि उनके पास शिमला मिर्च, बैंगनी मिर्च, उज्ज्वला मिर्च, बज्जी मिर्च, और काली मिर्च सहित 10 किस्म की मिर्च हैं। उन्होंने बताया कि उनके टैरेस गार्डन में पांच अलग-अलग प्रकार की थाई चिली भी है।बिंदू, ब्रोकली, तोरी, चीनी गोभी, और केल जैसी विदेशी सब्जियां भी उपजाती हैं। उन्होंने बताया कि गार्डन में बैंगन की आठ किस्में, पालक के सात प्रकार, चार प्रकार की भिंडी जैसी चीजें लगा रखी हैं। सब्जियों की खेती की शुरुआत में उन्होंने अलग-अलग नर्सरी से पौधे या ऑनलाइन बीज और पौध खरीदे। बकौल बिंदू, किसी भी नर्सरी के पास से गुजरते समय अक्सर वहां रुकती हैं। ज्यादातर बीज और पौधे नर्सरी से लेते हैं। विदेशी किस्म जैसे ज़ूचिनी के बीज ऑनलाइन खरीदे।