रबी की 6 फसलों की MSP में वृद्धि, कैबिनेट ने दी मंजूरी, किसानों मिलेगा मुनाफा

हलधर किसान। पीएम किसान सम्मान निधि योजना की 12वीं किस्त के बाद अब केन्द्र की मोदी सरकार ने किसानों को एक और बड़ा तोहफा दिया है। आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में रबी की फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी की है।

कैब‍िनेट बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि गेहूं, मसूर, जौ और चना समेत रबी की अन्य फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाया गया है। सरसों की MSP में 400 रुपये प्रत‍ि क्‍व‍िंटल, मसूर की MSP में 500 रुपये प्रत‍ि क्‍व‍िंटल और जूट की MSP में 110 रुपये प्रत‍ि क्‍व‍िंटल का इजाफा क‍िया गया है।

इसके साथ ही गेहूं पर 110 रुपये, जौ पर 100 रुपये, चना पर 105 रुपये के अलावा राई पर 400 रुपये प्रति क्विंटल और सूरजमुखी पर प्रति क्विंटल में 209 रुपये की वृद्धि हुई है। इस फैसले के बाद मसूर की MSP अब 5500 रुपये से बढ़कर 6000 रुपये प्रति क्विंटल हो गई और गेहूं की MSP में 110 रुपये का इजाफा होने के बाद अब यह 2015 रुपये बढ़कर 2125 रुपये प्रति क्विंटल हो गया।

2014 में गेहूं 1450 था जो आज 47% की वृद्धि के साथ 2125 रुपये है

  • जौ 1150 था जो 1735 है (51% वृद्धि)
  • चना 3175 से बढ़कर 5335 हुआ (68% वृद्धि)
  • रेप्सीड और सरसों 3100 से बढ़कर 5450(76% वृद्धि)
  • कुसुम 3050 से बढ़कर 5650(85% वृद्धि)
  • मसूर 3075 से बढ़कर 6000 (95% वृद्धि)

केंद्रीय मंत्री ने बताया की पीएम मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) की बैठक में छह रबी फसलों का एमएसपी बढ़ाने का फैसला किया गया. एमएसपी वह दर है, जिस पर सरकार किसानों से कृषि उपज खरीदती है. इस समय सरकार खरीफ और रबी दोनों सत्रों में उगाई जाने वाली 23 फसलों के लिए एमएसपी तय करती है.

रबी (सर्दियों) फसलों की बुवाई, खरीफ (गर्मी) फसलों की कटाई के बाद अक्टूबर में शुरू होती है. गेहूं और सरसों रबी की प्रमुख फसलें हैं. एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार सीसीईए ने फसल वर्ष 2022-23 (जुलाई-जून) और विपणन सत्र 2023-24 में छह रबी फसलों के लिए एमएसपी में वृद्धि को मंजूरी दी है.

यह पूछने पर कि क्या रबी फसलों के एमएसपी बढ़ाए जाने से महंगाई बढ़ेगी? इसके जवाब में ठाकुर ने कहा कि अन्य देशों की तुलना में भारत में महंगाई काबू में है. फसल वर्ष 2022-23 के लिए जौ का समर्थन मूल्य 100 रुपये बढ़ाकर 1,735 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है जो पिछले साल 1635 रुपये प्रति क्विंटल था.

दलहन के कितने दाम बढ़े?
दलहन में चना के लिए एमएसपी को 5,230 रुपये प्रति क्विंटल से 105 रुपये बढ़ाकर 5,335 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है. मसूर का एमएसपी 5,500 रुपये प्रति क्विंटल से 500 रुपये बढ़ाकर 6,000 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है. सरकार ने कहा कि फसल वर्ष 2022-23 के लिए रबी फसलों के एमएसपी में वृद्धि आम बजट 2018-19 के मुताबिक है. जिसमें एमएसपी को अखिल भारतीय औसत उत्पादन लागत के मुकाबले कम से कम 1.5 गुना तय करने की घोषणा की गई है. सरकार ने कहा कि इससे किसानों को उनके परिश्रम का उचित मूल्य मिलेगा.

बयान में कहा गया कि वर्ष 2014-15 से तिलहन और दलहन के उत्पादन को बढ़ाने के लिए नए सिरे से प्रयास किए गए हैं. इसके बाद दलहन और तिलहन की पैदावार काफी बढ़ी है. कृषि मंत्रालय के चौथे अग्रिम अनुमान के अनुसार तिलहन उत्पादन 2014-15 में 275 लाख टन से बढ़कर 2021-22 में 377 लाख टन हो गया है. इसी तरह दलहन की पैदावार में भी वृद्धि हुई है.

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