वर्तमान दौर में कृषि के परिवेश को बदलने की आवश्यकता है, टेक्नोलॉजी के जरिये सरकार आय बढ़ाने का कर रही प्रयास: श्री तोमर

हैदराबाद में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन मैनेजमेंट के विद्यार्थियों प्रदान की डिग्री

हलधर किसान। हैदराबाद स्थित राष्ट्रीय कृषि विस्तार प्रबंध संस्थान (मैनेज) के दीक्षांत समारोह में केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर शामिल हुए। श्री तोमर ने पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन मैनेजमेंट (एग्री-बिजनेस मैनेजमेंट)-पीजीडीएम (एबीएम) के विद्यार्थियों को डिग्री व पदक प्रदान किए। उन्होंने समारोह में कहा कि आज कृषि के परिवेश को बदलने की आवश्यकता है. जलवायु परिवर्तन के दौर में कृषि और किसान कैसे एक साथ खड़े रह सकते है, इस दिशा में काम करने की जरूरत है. सरकार टेक्नोलॉजी के समावेश सहित विभिन्न योजनाओं के जरिए कृषि को समृद्ध करने व किसानों की आय बढ़ाने के प्रयास में जुटी हुई है. कृषि व किसानों की समृद्धि के इस कार्य में विद्यार्थी भी समय देकर जिम्मेदारियों का निर्वहन करते हुए देश के प्रति महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं.
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि हमारा देश कृषि प्रधान है. कृषि की प्रधानता और प्राथमिकता को हमने सिर्फ स्वीकार ही नहीं किया बल्कि प्रतिकूल से प्रतिकूल परिस्थितियों में इसे सिद्ध भी किया है. विडंबना यह है कि कृषि प्रकृति पर निर्भर है.प्रकृति पर निर्भर है कृषि
तोमर ने कहा कि हमारा देश कृषि प्रधान है. कृषि की प्रधानता और प्राथमिकता को हमने सिर्फ स्वीकार ही नहीं किया बल्कि प्रतिकूल से प्रतिकूल परिस्थितियों में इसे सिद्ध भी किया है. विडंबना यह है कि कृषि प्रकृति पर निर्भर है. अगर प्रकृति नाराज हो जाए तो फसल में रोग लग सकता है, ओला या पाला पड़ सकता है, बाढ़ से नुकसान हो सकता है. हालांकि, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के माध्यम से किसानों के नुकसान की भरपाई की जाती है, लेकिन आज आवश्यकता है स्थिति में बदलाव करने की है.

नई पीढ़ी को कृषि के प्रति आकर्षित करने की कोशिश
खेती के क्षेत्र में टेक्नालॉजी को कैसे बढ़ाया जा सकता है, किसानों को नुकसान से कैसे बचाया जा सकता है, उनकी आमदनी कैसे बढ़ाई जा सकती है, नई पीढ़ी को कृषि के प्रति कैसे आकर्षित किया जा सकता है, इन सब मुद्दों पर सरकार काम कर रही है. डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन सहित कई योजनाएं शुरू की गई हैं.

मंत्री ने कहा कि किसानों के प्रशिक्षण के मैनेज के कार्य सफल एवं उच्चकोटि के हैं. कुछ ऐसे संस्थान होते हैं, जो गुणवत्ता व कार्य के प्रति समर्पण के साथ शिक्षा प्रदान करते है. ऐसी शिक्षा लेते-लेते विद्यार्थी उज्ज्वल भविष्य बनाते है. इन छात्रों को अपने संस्थान के प्रति कृतज्ञता प्रकट करना चाहिए.

एग्री स्टार्टअप समय की मांग
तोमर ने कहा कि आज मैनेज में एक बहुआयामी संरचना का उद्घाटन भी किया है, जिसका नाम आचार्य चाणक्य के नाम पर रखा गया है. एग्री स्टार्टअप को भी और बढ़ावा दिया जाएगा जो समय की मांग है. एग्री बिजनेस शिक्षा की महत्ता को देखते हुए तोमर ने कहा कि मैनेज के पीजीडीएम (एबीएम) में प्रवेश संख्या को 60 से बढ़ाकर 100 तक करने का निर्णय लिया गया है. इस अवसर पर मैनेज के महानिदेशक डॉ. पी. चंद्रशेखरा ने कहा कि उनका संस्थान भारत में 200 से अधिक संगठनों में कृषि व्यवसाय शिक्षा की गुणवत्ता व मानकों में सुधार करने का प्रयास करेगा.

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