बीज प्रमाणीकरण के लिए कंपनी ने कैसे किया किसानों के साथ धोखा, कलेक्टर तक कैसे पहुंची शिकायत देखें पूरी खबर

बीज प्रमाणीकरण के लिए कंपनी ने कैसे किया किसानों के साथ धोखा, कलेक्टर तक कैसे पहुंची शिकायत देखें पूरी खबर

हलधर किसान। कभी प्राकृतिक आपदा तो कभी अमानक बीज, खाद, कीटनाशक दवाई छिडकांव से फसल खराब होने जैसे मामले तो कई बार सामने आ चुके है लेकिन मप्र के खरगोन जिले के झिरन्या जनपद के ग्राम मिटावल में किसानों के साथ धोखे का नया मामला सामने आया है।

यहां के किसानों ने खंडवा की एक प्रतिष्ठित बीज कंपनी पर बिना उत्पादन के किसान से बेहतर उपज खरीदी दर्शाकर अपने बीज का प्रमाणीकरण कराने का गंभीर आरोप लगाया है। किसानों ने उनके दस्तावेजों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाते हुए कलेक्टर से इस मामले की शिकायत की है।

शुक्रवार को कलेक्टे्रट पहुंचे किसान मोहन पगारे, संदीप राठौर, सुनील पटेल, भूपेंद्र पटेल, राहुल राठौर, जितेंद्र सिंह आदि ने बताया कि वे सभी ग्राम मिटावल निवासी होकर खेती- किसानी का काम करते है। गांव में दोंदवाडा खंडवा जिले में संचालित हो रही सारस एग्रो इंडस्ट्रीज कंपनी द्वारा पिछले 5 सालों से गांव के किसानों से सोयाबीन बीज बिक्री के लिए संपर्क किया जाता रहा है, हर साल किसान खरीदी कर रहे है। 2023-24 में भी हमें खरीफ सीजन के दौरान सोयाबीन का बीज बेजा था। इस दौरान उन्होंने आधार कार्ड भी लिए थे।

इस बीज का हमारे खेतों में कोई उत्पादन नही हुआ। फसल खराब होने पर जब कृषि विभाग में संपर्क किया तो पता चला कि कंपनी ने बेहतर बीज उत्पादन दर्शाकर बीज प्रमाणीकरण कराया है, उस प्रमाणीकरण में करीब 100 से अधिक किसानों के दस्तावेज भी लगाए गए है, जो फर्जी है। किसानों ने आरोप लगाया कि कंपनी नकली बीज बेच रही है, उन्हें आशंका है कि बीज प्रमाणीकरण में जिन किसानो के दस्तावेज लगाए गए है वह सभी फर्जी तरीके से हासिल किए गए है,

क्योंकि उक्त कंपनी का बीज से किसी भी किसान के खेत में उत्पादन नही हुआ है। शासन- प्रशासन इस मामले में हस्तक्षेप कर जांच कराएं और इस गंभीर मामले में ठोस कार्रवाई करें जिससे कोई और कंपनी किसानों के साथ धोखाधड़ी न कर सकें। इस मामले कि शिकायत किसानों ने खंडवा बीज प्रमाणीकरण अधिकारी को भी की है। 

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