हलधर किसान। किसान संगठन संयुक्त किसान मोर्चा ने गुरुवार को कहा कि वह न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानूनी गारंटी देने की मांग करते हुए 20 मार्च को संसद के बाहर किसान महापंचायत करेगा. कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन का नेतृत्व करने वाला किसान संगठन न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानूनी गारंटी देने की मांग कर रहा है. एसकेएम ने आम बजट की आलोचना करते हुए इसे ‘किसान विरोधी’ करार दिया.
मोर्च द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, कई किसान संघों के संगठन ने युद्धवीर सिंह, राजा राम सिंह और डॉ. सुनीलम के नेतृत्व में यहां जाट भवन में हुई एक बैठक में यह फैसला लिया. किसान मोर्चा के वरिष्ठ नेता युद्धवीर सिंह ने कहा कि किसानों की लंबित मांगों को लेकर वह एक बार फिर से आंदोलन करने के लिए मजबूर हैं. इसी कड़ी में देशभर से किसान 20 मार्च को दिल्ली की ओर कूच करेंगे.
20 मार्च को किसानों की महापंचायत
उन्होंने कहा कि पूर्व किसान आंदोलन के दौरान केंद्र सरकार ने जो आश्वासन दिया था वह अभी तक पूरा नहीं हुआ है. सरकार अपने वादे पर खरा नहीं उतरी है. ऐसे में पहले 20 मार्च को दिल्ली में महापंचायत करेंगे. इसके बाद बड़े आंदोलन पर निर्णय लिया जाएगा.
मोर्चा ने रखी ये मांगे
संयुक्त किसान मोर्चा ने सरकार से कई मांगे रखी थीं. लेकिन वह अभी तक पूरी नहीं हो पाई हैं. संयुक्त किसान मोर्चा की पहली मांग है कि स्वामीनाथ आयोग की रिपोर्ट लागू की जाए. इसके अलावा कर्ज माफी, लखीमपुर खीरी मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी को पद से हटाने और एमएसपी को लागू करना जैसे मुद्दे शामिल हैं.