हलधर किसान। महाराष्ट्र के जालना जिले के मंठा तहसील के हेलस गांव के रहने वाले किसान सुनील जाधव ने खुद को ही जमीन में गाड़ लिया. दरअसल, किसान की माता और मौसी को एक सरकारी स्कीम के तहत जमीन मिली था. सरकारी कार्यालयों को चक्कर लगाने के बाद भी उसे ये जमीन हासिल नहीं हो पाई. अब विरोध स्वरूप किसान ने खुद को ही जमीन में गाड़ लिया.महाराष्ट्र से विरोध की एक अजीबोगरीब घटना सामने आ रही है. कर्मवीर दादासाहाब गायकवाड़ सबलीकरण स्वाभिमान योजना से मिली जमीन पर कब्जा देने की मांग कर रहे औरंगाबाद संभाग के जालना जिले के मंठा तहसील के हेलस गांव के रहने वाले किसान ने खुद को ही जमीन में गाड़ लिया. इस घटना के बाद से ही क्षेत्र में वह चर्चा के विषय बन गए हैं.
किसान ने क्यों खुद को जमीन पर गाड़ा
किसान सुनील जाधव नामक किसान की माता और उनकी मौसी को कर्मवीर दादासाहाब गायकवाड सबलीकरण स्वाभिमान योजना के तहत 1 हेक्टेयर 35 आर जमीन जमीन प्राप्त हुई थी. इस जमीन को हासिल करने के लिए उन्होंने विरोध का अनोखा तरीका अपनाया. दरअसल सुनील जाधव सरकारी कार्यालयों को चक्कर काटकर थक चुके थे. इससे परेशान होकर उन्होंने खुद को ही जमीन में गाड़ लिया
.क्या है मामला?
सुनील जाधव ने बताया कि उनकी माता कौशल्याबाई पांडुरंग जाधव और मौसी नंदाबाई किशन सदावर्ते को साल 2019 में कर्मवीर दादासाहाब गायकवाड सबलीकरण स्वाभिमान योजना के अंतर्गत 1 हेक्टेयर 35 आर जमीन प्राप्त हुई थी. जमीन का कब्जा पाने के लिए किसान सुनील जाधव गत 4 साल से तहसील व संबंधित सरकारी कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं. हालांकि, इसके बाद भी वह न्याय हासिल नहीं कर पाएं. इससे तंग आकर किसान सुनील जाधव ने अपने आपको जमीन में गाड़ लिया है. उन्होंने प्रशासन को चेताया कि जब तक उन्हें कर्मवीर दादासाहाब गायकवाड सबलीकरण स्वाभिमान योजना से मिली जमीन का कब्जा नहीं मिलेगा, तब तक वह जमीन में ही गड़ा ही रहेगा.