5 बोरी खाद लेने 40 से 50 किमी दूरी तय कर उमरखली गोदाम पहुंच रहे किसान
हलधर किसान, भोपाल । प्रशासनिक स्तर पर भले ही जिले में यूरिया सहित अन्य खादों की कोई कमी न हो, इसके लिए अधिकारियों को निगरानी रखने, यूरिया की कालाबाजारी और अधिक दामों पर बिक्री करने पर एफआईआर करने तक के निर्देश जारी हुए है, लेकिन इन सबके बीच खरीफ सीजन की फसलों पर अंतिम दौर की यूरिया छिडकांव के पहले बाजार में खाद की किल्लत देखने को मिल रही है। मप्र के खरगोन जिले के भगवानपुरा, गोगावां और झिरन्या जनपद के किसान करीब 40 से 50 किमी का सफर तय कर मुख्यालय पर खाद खरीदी के लिए पहुंच रहे है, जिससे खरगोन उमरखली रोड़ स्थित मप्र राज्य सहकारी विपणन संघ के भंडारण केंद्र पर रोजाना कतार लग रही है। हालांकि यहां भी उनकी मांग अनुसार खाद नही मिल पा रहा है, जबकि केंद्र संचालको के मुताबिक जिले में पर्याप्त खाद है लेकिन सोसायटियों में चल रही हड़ताल के कारण किसान मुख्यालय पहुंच है।
मंगलवार को भंडारण केंद्र पहुंचे बहादरपुरा के कृषक सखाराम कनासे, झिरन्या कोटबेडा के गंगाराम, नागझिरी के गुलाबचं रावल, कोटबेडा के केरसिंह खोड़े, चिरिया के दरबार सुमेरसिंह आदि ने बताया कि उनके क्षेत्र की सोसायटियां तो रोजाना खुल रही लेकिन वहां यूरिया नही है, जिन सोसायटियों में है वहां महज 2 बोरी खाद दे रहे है जबकि उन्हें अधिक खाद की आवश्यकता है। इसलिए मुख्यालय पहुंच रहे है। किसानों का कहना है कि खरीफ फसलें अब लगभग तैयार हो चुकी है अंतिम दौर की खाद का छिडकांव बाकी है, जिससे फसलों को पोषण मिल सके। कपास, सोयाबिन आदि की फसल को अगर समय से यूरिया का छिड़काव नहीं हुआ तो इससे उत्पादन भी प्रभावित होगा। इसीलिए मजबूर होकर दो से तीन बार में खाद की खरीदी अलग- अलग समय पर करना मजबुरी बन गया है। यूरिया का छिड़काव नहीं किया तो फसल पीली पडऩे लगेगी।
हड़ताल से केंद्र पर बड़ी खरीदी
केंद्र के क्षेत्र सहायक विजय कछवाये ने बताया कि सोसायटियों में चल रही हड़ताल के चलते पिछले एक हफ्ते से किसानों की आवाजाही बढ़ गई है। रोजाना करीब 1500 से 2 हजार बोरी खाद की बिक्री हो रही है। हालांकि केंद्र पर पर्याप्त खाद है, वर्तमान में 17 टन यूरिया का स्टॉक होने के साथ ही आगामी दिनों में ओर भी रैक आने वाली है। केंद्र से प्रत्येक किसान को आधार कार्ड और पावती पर 5 बोरी खाद की बिक्री हो रही है।