दाल इंडस्ट्रीज को दलहन पर दी जाए मंडी शुल्क से छूट

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मुख्यमंत्री से मिला ऑल इंडिया दाल मिल एसोसिएशन प्रतिनिधिमंडल

हलधर किसान। भोपाल में ऑल इंडिया दाल मिल एसोसिएशन के प्रतिनिधिमण्डल ने मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान से मुलाकात की।.एसोसिएशन ने दाल इंडस्ट्रीज की समस्याओं को लेकर चर्चा करते हुए दाल उद्योगों के हित में राज्य के बाहर से दाल बनाने के लिये मंगाये जाने वाले दलहन पर मंडी शुल्क से छूट व अन्य कई परेशानियों पर बात की.
कटनी के विधायक संदीप जायसवाल के नेतृत्व में मुख्यमंत्री निवास पर मुलाकात की. जिसमें उनके साथ प्रतिनिधिमण्डल में संस्था अध्यक्ष सुरेश अग्रवाल, एसोसिएशन ऑफ पल्सेस मेन्यूफेक्चरर्स के सचिव मुन्नालाल बंसल, द्वारकादास गर्ग (नरेंद्र दाल मिल), परेश गुप्ता (सुदर्शन पल्सेस), रत्नेश अग्रवाल (रामा एग्रो इंडस्ट्रीज़), मनीष कुमार गेई (अजय फूड प्रोडक्ट, कटनी) सहित कटनी के अनेक गणमान्य दाल मिलर्स आदि सम्मिलित हुए.

दलहन पर मंडी शुल्क से छूट की घोषणा
प्रतिनिधि मण्डल से चर्चा में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने स्पष्ट आश्वासन दिया है कि मध्य प्रदेश की दाल इंडस्ट्रीज़ की समस्याओं से वे भलिभांति अवगत हैं. उन्होंने कहा है कि प्रदेश के दाल उद्योगों को किसी भी प्रकार की कठिनाई नहीं आने देंगे और न ही उद्योगों को प्रदेश से पलायन करने देंगे, दाल उद्योगों की सभी प्रकार की समस्याओं के निवारण और समाधान के लिए मध्य प्रदेश सरकार प्रतिबद्ध है. मध्य प्रदेश के बाहर से दाल बनाने के लिए मंगाये जाने वाले दलहन पर मंडी शुल्क से छूट की घोषणा 1-2 दिन में समीक्षा के बाद कर दी जाएगी।

मुख्यमंत्री को महत्वपूर्ण मुद्दों से कराया अवगत
प्रतिनिधिमण्डल ने मुख्यमंत्री को मध्य प्रदेश से आने वाले दलहन पर मंडी शुल्क लगने के कारण प्रदेश के दाल उद्योगों पर होने वाले विपरीत प्रभावों से अवगत कराते हुए कई महत्वपूर्ण विषयों को बताया गया. जो कुछ इस तरह से हैं-

मध्य प्रदेश में मण्डी शुल्क 1.70 प्रतिशत होने के कारण मध्यप्रदेश के पड़ोसी राज्यों गुजरात के बड़ौदा, दाहोद, गोधरा, हिम्मतनगर एवं महाराष्ट्र राज्य के जलगांव, भुसावल, धुलिया एवं नागपुर की दालें मध्य प्रदेश में आकर बिक रही हैं, क्योंकि वहां मण्डी शुल्क कम है. मध्य प्रदेश की दाल इंडस्ट्रीज की दालें मण्डी शुल्क के कारण महंगी होने से दालों की बिक्री कम हो रही है तथा प्रदेश की दाल मिलों का उत्पादन धीरे धीरे कम हो रहा है. मध्य प्रदेश में गेहूं, सोयाबीन तथा चना की पैदावार बहुत अधिक होती है, इसलिए तुअर, उड़द और मूंग मध्य प्रदेश राज्य के बाहर से मंगवाना पड़ता है. मण्डी शुल्क की छूट स्थाई रूप से नहीं मिलने से दाल उद्योगों द्वारा दाल बनाने के लिए मध्य प्रदेश के बाहर से कच्चा माल (दलहन ) तुअर / अरहर, उड़द / उरदा, मूंग, मसूर, मटर व चना मंगवाने पर पड़ोसी राज्यों महाराष्ट्र व गुजरात के अनुसार ही मध्य प्रदेश में पॉलिसी तैयार करनी चाहिए.

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