किसानों के लिए मुख्यमंत्री योगी का बड़ा एलान, मिलेगी पूरी बिजली, नहीं कटेंगे अन्नदाताओं के ट्यूबवेल कनेक्शन

हलधर किसान। प्रदेश में औसत से कम बारिश होने से चिंतित किसानों को राहत देने के लिए उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्यूबवेल के विद्युत कनेक्शन का बिल बकाया होने के बाद भी कनेक्शन नहीं काटने और ग्रामीण इलाकों में विद्युत आपूर्ति बढ़ाने के निर्देश दिए है। मानसून और फसल बोआई की समीक्षा के लिए आयोजित उच्च स्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री ने किसानों को राहत देने के लिए कम बरसात के कारण खराब हुई फसलों की भरपाई कराने की घोषणा की है।
मुख्यमंत्री आवास पर आयोजित बैठक में योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश में 20 अगस्त तक कुल 284 मिलीमीटर बरसात हुई है। जो वर्ष 2021 में हुई 504.10 मिलीमीटर और 2020 में हुई 520.3 एमएम बरसात से कम है। उन्होंने कहा कि किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए मौजूदा परिस्थितियों में किसानों को अतिरिक्त सहायता दिया जाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि बिजली का बिल बकाये के कारण किसानों के ट्यूबवेल बिजली कनेक्शन नहीं काटे जाएं। पावर कारपोरेशन की ओर से ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति बढ़ाई जाए।मुख्यमंत्री ने कहा कि अल्प वर्षा के कारण उत्पन्न चुनौतियों के बीच किसानों का हित सुरक्षित रखा जाएगा। खेती-किसानी की जमीनी स्थिति का बारीकी से आकलन कर किसानों को हर संभव मदद मुहैया उपलब्ध कराई जाएगी। कम वर्षा के कारण किसानों की फसल को हुए नुकसान की भरपाई की जाएगी। उन्होंने इस संबंध में सभी विकल्पों को शामिल करते हुए हुए बेहतर राहत कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने ट्यूबवेल की तकनीकी खराबी को हर हाल में 24 से 36 घंटे में ठीक कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जहां ट्यूबवेल पर निर्भरता ज्यादा है वहां सौर पैनल लगाया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने बाढ़, अतिवृष्टि से पर प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों में देरी नहीं करने और प्रभावित परिवारों को हर संभव मदद करने के निर्देश दिए।
सब्जी की खेती को प्रोत्साहित करें
मुख्यमंत्री ने कहा कि कम बारिश के कारण कई क्षेत्रों में धान की पैदावार पर बुरा असर पड़ने की आशंका है। उन्होंने मौजूदा परिस्थितियों में सब्जी की खेती को प्रोत्साहित करने और तोराई के बीज का वितरण कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि किसानों को वैकल्पिक खेती के बारे में जागरूक करना चाहिए।

19 जिलों में 40 फीसदी से कम बरसात
मुख्यमंत्री को बताया गया कि प्रदेश में 33 जिले ऐसे हैं जहां सामान्य से 40 से 60 फीसदी तक ही वर्षा दर्ज की गई है। जबकि 19 जिलों में 40 फीसदी से भी कम बरसात हुई है। इन जिलों में खरीफ फसलों की बुवाई प्रभावित हुई है।

93.22 लाख हेक्टेयर में हुई खरीफ की बोआई
मुख्यमंत्री ने कहा कि खरीफ अभियान 2022-23 के तहत 20 अगस्त तक प्रदेश में 96.03 लाख हेक्टेयर के लक्ष्य के सापेक्ष 93.22 लाख हेक्टेयर (97.9 प्रतिशत) की बोआई हो सकी है। उन्होंने कहा कि बोआई लक्ष्य के अनुरूप है लेकिन कम वर्षा के कारण प्रदेश में फसलों को नुकसान होने की संभावना बनी हुई है। उन्होंने कहा कि 19-20 अगस्त की बारिश के कारण कई जिलों में राहत मिली है।
अलर्ट मोड पर रहें विभाग
मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले कुछ दिनों में तेज और अधिक बारिश होने की उम्मीद जताते हुए कहा कि कृषि, सिंचाई, राहत, राजस्व विभागों को अलर्ट मोड़ में रहने के निर्देश दिए। उन्होंने अगस्त के अंतिम सप्ताह तक सभी जिलों एवं कृषि विभाग से फसल की स्थिति, पेयजल की स्थिति एवं पशुओं के लिए चारा की उपलब्धता के संबंध में रिपोर्ट मंगाने के निर्देश भी दिए।
लगभग सात लाख निजी नलकूपों पर है बकाया
पावर कार्पोरेशन के सूत्रों के अनुसार प्रदेश में 13,16,399 निजी नलकूप हैं। इनमें 12,57,367 ग्रामीण अनमीटर्ड, 44,755 ग्रामीण मीटर्ड तथा 14,277 शहरी मीटर्ड कनेक्शन हैं। इनमें से लगभग सात लाख उपभोक्ताओं पर 800 करोड़ रुपये से ज्यादा का बकाया है। विधानसभा चुनाव से पहले 1 जनवरी 2022 से सरकार ने निजी नलकूप की बिजली दर आधी कर दी थी। हाल ही में बकाया वसूली के लिए एकमुश्त समाधान योजना (ओटीएस) भी लागू की गई थी। इसमें बड़ी संख्या में निजी नलकूप धारकों ने पंजीकरण तो कराया लेकिन बकाये की पूरी धनराशि जमा नहीं की है जिससे बकाया समाप्त नहीं हो पाया है।

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