प्रदेश में 871100 मिट्रिक टन चना की खरीद का है लक्ष्य
हलधर किसान। मध्य प्रदेश के चना उत्पादक किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी है। सरकार ने अब सरकारी चना खरीद कि तारीख को और आगे बढ़ा दी है। ये कल 31 मई को खत्म होनी थी। लेकिन सरकार ने किसानों की सहूलियत का ध्यान रखते हुए इसे एक सप्ताह के लिए और आगे बढ़ दिया गया है। अब आगामी 7 जून तक सरकार चने की खरीद जारी रखेगी। मुख्यमंत्री शिवराज शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल के आग्रह पर ही चना फसल की खरीदी की तिथि आगे बढ़ाई है.कृषि मंत्री कमल पटेल ने बताया कि चने की फसल फरवरीमें ही तैयार हो जाती थी। लेकिन सरकार इसको गेहूं की खरीद के बाद ही चना खरीद करती थी। ऐसे मे चना किसान औने-पौने दाम पर अपनी फसल बेच देता था. जिससे उसे रेट कम ही मिलता था. लेकिन इस साल सरकार द्वारा ऐसा नहीं होने दिया गया.
पटेल ने आगे कहा कि पहले चने की सरकारी खरीद मई में शुरू होती थी. लेकिन इस बार उन्होंने गेहूं से पहले ही इसकी सरकारी खरीद भी शुरू करवा दी थी. ताकि किसानों को उनकी फसल का अच्छा दाम मिले. चने की खरीद से संबंधित सरकार ने कुछ दिनों पहले एक और बड़ा अहम फैसला लिया था. जिसके अनुसार पहले सरकारी मंडी में न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर रोजाना चना खरीदने की सीमा सिर्फ 25 क्विंटल थी. लेकिन उसे बढ़ाकर सरकार ने अब 40 क्विंटल कर दिया था. पहले प्रति हेक्टेयर जमीन पर महज 15 क्विंटल चने की सरकारी खरीद होती थी, जिसे 20 क्विंटल तक कर दिया गया था.
और कितनी होनी है खरीद
कृषि विभाग ने सभी कलेक्टरों को नए आदेश भी जारी कर दिए हैं. आदेश में कहा है कि रबी मार्केटिंग सीजन 2022-23 में चना फसल खरीद की अंतिम तारीख 31 मई के स्थान पर 7 जून 2022 की गई है. इस साल प्रदेश में 871100 मिट्रिक टन चना की खरीद का लक्ष्य रखा है. बता दें कि देश में सबसे ज्यादा चने का उत्पादन मध्य प्रदेश में ही होता है. इसलिए चने की खरीद का वक्त बढ़ाने का आदेश किसानों के लिए काफी मायने भी रखता है. जानकारी के लिए बता दे कि रबी मार्केटिंग सीजन 2022-23 में चने का एमएसपी 5230 रुपए प्रति क्विंटल तय है।
दलहनी फसलों में चने का है बड़ा अहम स्थान
चना रबी सीजन में उगाई जाने वाली महत्वपूर्ण दलहनी फसल है. विश्च के कुल चना उत्पादन (Gram Production) का करीब 70 परसेंट अकेले भारत में ही होता है. जबकि भारत में सबसे ज्यादा खेती एमपी में ही होती है. यहां देश का लगभग एक चौथाई चना पैदा होता है. चने का उत्पादन कुल दलहन फसलों का लगभग 45 फीसदी होता है. आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और गुजरात में भी इसका खूब उत्पादन ही होता है.
कृषि मंत्री ने किसानों से भी की अपील
चना खरीद की तारीख बढ़वाने के बाद कृषि मंत्री कमल पटेल ने किसानों से फसल बीमा (Crop Insurance) करवाने और प्राकृतिक खेती की ओर ध्यान देने की अपील भी की है. उन्होंने कहा कि रासायनिक खाद और कीटनाशकों के इस्तेमाल से बीमारियां बहुत बढ़ रही हैं. अनाज भी जहरीला हो रहा है. इसलिए राज्य सरकार एक लाख हेक्टेयर क्षेत्र में प्राकृतिक खेती करवाएगी. जैविक खेती में 17 लाख हेक्टेयर एरिया के साथ प्रदेश पहले से ही देश में पहले स्थान पर है.