हलधर किसान (9826225025)। केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और उसके आसपास के क्षेत्रों में प्रत्येक वर्ष अक्टूबर- जनवरी के बीच की अवधि के दौरान आम तौर पर प्रचलित रहने वाली वायु की खराब गुणवत्ता की स्थिति के मद्देनजर वायु प्रदूषण में कमी लाने के लिए संबंधित सभी हितधारकों द्वारा नियोजित उपायों और कार्यों की 30.09.2022 को विस्तृत समीक्षा की। केंद्रीय मंत्री ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन की दिशा में जमीनी स्तर पर ठोस कार्रवाई करने की दिशा में पंजाब की तैयारियों पर चिंता और असंतोष व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने लगभग 5.75 मिलियन टन पराली के प्रबंधन के लिए पर्याप्त योजना नहीं बनाई है, जो बहुत बड़ी खामी है और जिसका दिल्ली एवं एनसीआर क्षेत्र में वायु की गुणवत्ता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की आशंका है।सचिव, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने पंजाब से राज्य सरकार द्वारा अग्र-सक्रिय कार्रवाई के माध्यम से बायो-डीकंपोजर के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र का विस्तार करने का आह्वान किया, विशेष रूप से इसलिए क्योंकि बायो-डीकंपोजर के अंतर्गत क्षेत्र के कवरेज में बहुत मामूली वृद्धि यानी 2021 में 7500 एकड़ से 2022 में महज 8000 एकड़ करने का प्रस्ताव किया गया है ।बैठक के दौरान एनसीआर राज्य सरकारों/जीएनसीटीडी द्वारा मशीनीकृत सड़क सफाई उपकरण, वाटर स्प्रिंकलर और एंटी-स्मॉग गन के प्रभावी उपयोग और संवर्द्धन पर भी जोर दिया गया।
दीवाली के आसपास मौसम की स्थिति सहित वायु प्रदूषण से संबंधित मामलों की गंभीरता को देखते हुए, केंद्रीय मंत्री ने वायु प्रदूषण के स्तर को नियंत्रित करने के लिए विशेष और समयबद्ध उपाय करने के निर्देश दिए।उन्होंने सीएक्यूएम / सीपीसीबी / राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों के सभी निर्देशों, आदेशों और दिशानिर्देशों को सही ढंग से लागू करने और संबंधित अधिकारियों द्वारा समय-समय पर इसकी निगरानी / समीक्षा किए जाने के निर्देश दिए ।
इस समीक्षा बैठक में, सचिव, अध्यक्ष, वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) सहित पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और जीएनसीटी दिल्ली राज्य सरकारों के प्रभारी सचिव, अध्यक्ष, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, एनसीआर राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, डीपीसीसी और अन्य प्रमुख हितधारकों ने भाग लिया।