मंडी में कपास की आवक हुई कम, 7315 रहे मॉडल भाव

हलधर किसान। प्रदेश की सबसे बड़ी मंडियों में शुमार आनंद नगर स्थित कपास मंडी में चार दिन के त्यौहारी अवकाश के बाद गुरुवार से फिर खरीदी शुरु हुई। हालांकि आवक पर त्यौहारी समय होने के साथ ही कम उत्पादन का असर देखा गया। नवंबर माह में कपास से गुलजार रहने वाली मंडी में 475 वाहन और 20 बैलगाड़ी से सफेद सोना पहुंचा था। मंडी प्रबंधन की मानें तो बीते साल की अपेक्षा कम कपास की आवक इस बार मंडी में हुई है। सीसीआई की खरीद भाव से व्यापारियो के भाव अधिक है।

हलधर किसान। प्रदेश की सबसे बड़ी मंडियों में शुमार आनंद नगर स्थित कपास मंडी में चार दिन के त्यौहारी अवकाश के बाद गुरुवार से फिर खरीदी शुरु हुई।

हालांकि आवक पर त्यौहारी समय होने के साथ ही कम उत्पादन का असर देखा गया। अक्टूबर माह में कपास से गुलजार रहने वाली मंडी में 475 वाहन और 20 बैलगाड़ी से सफेद सोना पहुंचा था।

मंडी प्रबंधन की मानें तो  बीते साल की अपेक्षा  कम कपास की आवक इस बार मंडी में हुई है। सीसीआई की खरीद  भाव से व्यापारियो के भाव अधिक है।  

मंडी प्रबंधन

 मंडी में गुरुवार को 16 हजार 600 क्विंटल कपास की खरीदी हुई, जिसका न्यूनतम दाम 4 हजार 730, अधिकतम 7 हजार 315और मॉडल भाव 7 हजार रुपए रहा। मंडी पहुंचे किसानों ने बताया कि  सीसीआई द्वारा तय किए गए भावों से व्यापारियों की खरीदी भाव अधिक है।

हलधर किसान। प्रदेश की सबसे बड़ी मंडियों में शुमार आनंद नगर स्थित कपास मंडी में चार दिन के त्यौहारी अवकाश के बाद गुरुवार से फिर खरीदी शुरु हुई। हालांकि आवक पर त्यौहारी समय होने के साथ ही कम उत्पादन का असर देखा गया। नवंबर माह में कपास से गुलजार रहने वाली मंडी में 475 वाहन और 20 बैलगाड़ी से सफेद सोना पहुंचा था। मंडी प्रबंधन की मानें तो  बीते साल की अपेक्षा  कम कपास की आवक इस बार मंडी में हुई है। सीसीआई की खरीद  भाव से व्यापारियो के भाव अधिक है।
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ऐसे में सरकारी खरीद पर किसान कपास नहीं बेच रहे हैं। कपास की आवक बेशक कम हुई, लेकिन निलामी में किसानों को सरकारी भाव से अधिक मिल रहे हैं।

किसान प्रिंस गुप्ता, राधेश्याम, संजू यादव आदि ने कहा कि सितंबर माह में हुई तेज बारिश से कपास की फसल प्रभावित हुई है, जिसका असर उत्पादन पर हुआ, जिससे आवक कम हो रही है, वही खुले बाजार और सरकारी खरीदी में भी गत वर्ष के मुकाबले भाव कम है।  

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