कर्नाटक के पहले डंकी फार्म हाउस में 5 हजार रुपये लीटर बिक रहा दूध, 17 लाख के मिल चुके है आर्डर

हलधर किसान। मेंगलुरु कर्नाटक के पहले डंकी फार्म पर गधी के दूध के लिए 17 लाख रुपये का ऑर्डर मिल चुका है। मेंगलुरु दक्षिण कन्नड़ जिले में आता है। यहां के बंतवाल गांव में स्नातक तक पढ़ाई के बाद युवक ने गधों का फार्म खोला है। गत 8 जून को खुला यह फार्म कर्नाटक में अपनी तरह का पहला और केरल के एर्नाकुलम जिले के बाद देश में दूसरा है।

समाचार एजेंसी पीटीआई की ओर से जारी खबर में दावा किया गया है कि गधी का दूध दुर्लभ और औषधीय गुणों से भरपूर है। इस कारण एक लीटर दूध लगभग 5 हजार रुपये में बेचा जा रहा है। डंकी फार्म शुरू करने वाले श्रीनिवास गौड़ा का कहना है कि उन्होंने गधों की दुर्दशा से विचलित होने के बाद डंकी फार्म शुरू करने का फैसला लिया। श्रीनिवास बताते हैं कि गधों को अक्सर ठुकरा दिया जाता है। उन्हें कम आंका जाता है। ऐसे में उन्होंने अपनी जमीन पर गधों का फार्म शुरू कर इनकी देखरेख का फैसला लिया।गौड़ा बताते हैं कि पहले उन्होंने एक सॉफ्टवेयर कंपनी में नौकरी की। नौकरी छोड़ने के बाद सबसे पहले 2020 में इरा गांव में 2.3 एकड़ जमीन पर इसीरी फार्म्स की शुरुआत की। इस केंद्र को एकीकृत कृषि और पशुपालन, पशु चिकित्सा सेवाएं, प्रशिक्षण और चारा विकास केंद्र के रूप में जाना जाता है।

गधों से पहले खरगोश और मुर्गे भी पाले
श्रीनिवास गौड़ा अपने काम के बारे में बताते हैं कि उनके इसीरी फार्म्स पर बकरी पालन से शुरुआत की गई। इस केंद्र पर खरगोश और कड़कनाथ मुर्गे (Kadaknath chicken) भी पाले जाते हैं। गौड़ा ने कहा कि बाद में गधों का फार्म भी शुरू किया। इसमें 20 गधे हैं। बता दें कि कड़कनाथ मुर्गे छत्तीसगढ़ के प्राकृतिक वातावरण में पलते हैं। मार्केट डिमांड और अच्छा मुनाफा देखते हुए अब दूसरे राज्यों में भी कड़कनाथ मुर्गों के फार्म खोले जा चुके हैं। कड़कनाथ की कीमत हजार रुपये प्रति किलो तक मिलती है।

महाराष्ट्र में 10 हजार रुपये प्रति लीटर !
गौरतलब है कि वनइंडिया हिंदी इससे पहले एक लीटर दूध 10 हजार रुपये में बेचे जाने की खबर दिखा चुका है। ये मामला महाराष्ट्र के उस्मानाबाद का था। अगस्त, 2021 में गधी का दूध 10 हजार रुपये प्रति लीटर बिकने की खबर सामने आई थी।

गधी का दूध महंगा, औषधीय गुणों से भरपूर
डंकी फार्म के पीछे प्रेरणा के बारे में श्रीनिवास बताते हैं किदेश में गधों की प्रजातियों की संख्या घट रही हैं। अब धोबियों के बिजनेस में कपड़े धोने की मशीन और लिनन धोने के लिए अन्य तकनीकों का प्रयोग हो रहा है। ऐसे में गधों का उपयोग नहीं किया जाता। वे बताते हैं कि जब गधे का फार्म शुरू करने का विचार दोस्तों के साथ शेयर किया तो लोग आशंकित थे। उनका मजाक भी उड़ाया गया, लेकिन गधी का दूध स्वादिष्ट, बहुत महंगा और औषधीय महत्व का होता है।

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