हलधर किसान। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ग्राम पंचायतों में गौशाला/पशु आश्रय स्थल जन सहभागिता योजना को सहमति प्रदान की है।
योजना के प्रथम चरण में 1500 ग्राम पंचायतों में स्थल निर्माण एवं संचालन के लिए लगभग 1377 करोड़ रुपए के वित्तीय प्रावधान को भी मंजूरी दी है। सरकार के इस निर्णय से जहां आवारा एवं निराश्रित पशुओं के लिए एक स्थाई आश्रय मिलेगा वहीं किसानों को भी आवारा पशुओं की समस्या से राहत मिलेगी। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2022-23 के बजट में ग्राम पंचायतों में गौशाला/पशु आश्रय स्थलों का संचालन किए जाने की घोषणा की गई थी। योजना के अंतर्गत, जिन ग्राम पंचायतों में गौशाला/पशु आश्रय स्थल का संचालन करने के लिए सक्षम कार्यकारी एजेंसी (ग्राम पंचायत/स्वयंसेवी संस्था) उपलब्ध होगी, वहां प्राथमिकता से एक-एक करोड़ रुपए तक की राशि से गौशालाएं स्थापित की जाएंगी। इसके तहत वर्ष 2022-23 में 200 एवं 2023-24 में 1300 ग्राम पंचायतों में स्थलों का निर्माण किया जाएगा।
इसमें राज्य सरकार 90 प्रतिशत और कार्यकारी एजेंसी 10 प्रतिशत राशि वहन करेगी। मुख्यमंत्री द्वारा स्थलों के निर्माण एवं संचालन के लिए वर्ष 2022-23 में 183.60 करोड़ रुपए तथा वर्ष 2023-24 के लिए 1193.40 करोड़ रुपए सहित कुल 1377 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी गई है। उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में संचालित गौशालाओं को वर्ष में 9 महीने तक अनुदान दिया जा रहा है। साथ ही नंदीशालाएं खोली जा रही हैं। पशुपालकों को 5 रुपए प्रति लीटर हिसाब से दूध पर अनुदान भी मिल रहा है।
राजस्थान में बनेगी 1500 गौशालाएँ, सरकार देगी 90 प्रतिशत का अनुदान
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